:- Click below to Listen audio 

जुबां से कुछ ना बोले पर तिरंगा जानता सब है :


                                                     TRANSLATE BY -RAHUL KUMAR




मुझे सम्मान देने को सजाया तीन रंगो में
 मगर अपमान भी किया है तुमने भरपूर दंगो में 
कभी थे गोधरा के घर मेरे अरमान के आँशु  
कभी गुजरात की आँहे वो अक्षरधाम के आँशु 
ये आँशु की इबारत मेरी आँखों ने गाया है 
कभी रोया हुँ मै छिपकर कभी मुझको रुलाया है 
जलाने वालो की तासीर को पहचानता सब है
 जुबां से कुछ ना बोले पर तिरंगा जानता सब है
अहिंसा की दुहाई दे तुम हिंसा पर उतर आये 
जिन्हे मैंने नकारा तुम वो सारे काम कर आये 
 ना जाने कौन मजहब के रसते से गुजर आये 
कबूतर नेहरू ने छोड़े तुम उनके पर कुतर आये 
किसी ने बात कब मानी हैं  मस्जिद और शिवालय की 
मुसीबत कौन समझे उनके भीतर  रहने वाले की 
तुमने अंधियारे बोये है जरूरत थी उजाले की
 उजाले पाने की खातिर मुठी तानता सब है 
जुबां से कुछ ना बोले पर तिरंगा जानता सब है
यहाँ बारूद बनता है वहाँ सीसा पिघलता है 
जो खिड़की खोलकर कर देखो धुँआ लौ में बदलता है 
हकीकत है की दंगो में क्या जलता है क्या सुलगता है 
यहाँ राखी सुलगती  वहाँ  सिंदूर जलता है 
ये जो लाशो के व्यापारी  है वो बाजार  किसका है 
काम कोई संभाले किन्तु कारोबार किसका है 
हाथ कोई हो लेकिन देखो तो  हतियार किसका है 
मारने और मरने वाले दोनों को मानता सब है 
जुबां से कुछ ना बोले पर तिरंगा जानता सब है 
 मै इस धरती की धरकन हुँ मै मस्तक हुँ हिमालय का 
मैं मस्जिद की हुँ मीनारे मै  गुम्मद हुँ शिवालय का
 इबादत हुँ मै ग़ांधी की सहीदो की सहादत हु 
मेरा बरताव ना बदलो मैं आजादी की आदत हूँ 
कुरेदा हु मई बरसों चैन से   सो नहीं पाया 
है जिनकी दूरियां मुझसे मै उनको खो नही पाया 
ना जाने फिर अभी तक सभी का  हो नही पाया 
है सब मेरे मै हु सबका ये मानता सब है 
जुबां से कुछ ना बोले पर तिरंगा जानता सब है


   









                                                                                 https://www.facebook.com/profile.php?id=100004897987667                                                
  BY -JAGDEESH SOLANKI  
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है RAHULKUMARSDR127@GMAIL.COM पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks.


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Shakespeare SONNET 116 in Hindi

Sabse Khatarnak सबसे खतरनाक (The Most Dangerous) Poem by Avtar Singh Sandhu "Pash" in English and Hindi